गया. बिहार में पहली बार एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं की फैमिली प्लानिंग होगी. सरकार की इस योजना के कई मायने बताए जा रहे हैं. बता दें कि गया जिले की एचआईवी संक्रमित 42 महिलाओं का बंध्याकरण कराया जाना है. गया ऐसा करने वाला बिहार का पहला जिला है.
एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं का बंध्याकरण कराने की दिशा में यह सकारात्मक कदम बताया जा रहा है. इसके लिए 42 महिलाओं का चयन भी हो गया है. सरकार की सपोर्ट एजेंसी ने जिला स्वास्थ्य समिति को इसकी सूची सौंप दी है. वहीं एचआईवी पॉजिटिव सभी 42 महिलाओं ने बंध्याकरण की सहमति भी दे दी है. सहमति मिलने के बाद अब उनकी काउंसलिंग की जाएगी. फिर दो दिन बाद जिले के विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बंध्याकरण कराया जाएगा.
बंध्याकरण है चुनौतीपूर्ण जिम्मेवारी
एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं का बंध्याकरण की जिम्मेवारी एक चुनौती काम के रूप में डॉक्टरों के सामने होगी. हालांकि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है. स्वास्थ्य विभाग की की मानें तो एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं का ऑपरेशन और डिलीवरी होता है तो डॉक्टर ही करते हैं. ऐसे में उनके बंध्याकरण को भी डॉक्टर सजगता के साथ करेंगे.
पहले काउंसलिंग फिर बंध्याकरण
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम निलेश कुमार ने बताया कि गया में एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं का बंध्याकरण किया जाएगा. इसके लिए 42 महिलाओं का चयन किया गया है. सरकार की सपोर्ट एजेंसी द्वारा इसकी सूची तैयार की गई है. सभी 42 महिलाओं की सहमति भी मिल गई है. काउंसलिंग के साथ ही दिसंबर माह में ही बंध्याकरण कराने की तैयारी है.
गया में करीब 3000 एचआईवी पॉजिटिव
बता दें कि गया में एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या 3000 के करीब है. जिनका विभिन्न जगहों पर इलाज चल रहा है. साथ ही जिला प्रशासन भी एचआईवी को लेकर लगातार जागरूकता अभियान चला रहा है, ताकि इसमें कमी आए. लोग इस लाइलाज बीमारी से बचें. हालांकि अब दावा किया जा रहा है कि इस बीमारी का इलाज संभव है.
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